अतीत अहमद के शूटर का खुलासा
हमलावरों ने सनसनी खोज
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात काल्विन अस्पताल के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए काल्विन अस्पताल परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा था। उसी समय 10 फायर किए गए। अतीक की कनपटी पर सटाकर एक गोली मारी गई। अज्ञात वाहनों से आए हमलावरों ने सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम देने के बाद समर्पण कर दिया। घटना के बाद जिले की सीमा को सील कर दिया है।
मौके पर आरएएफ को भी बुला लिया गया हैमाफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले लवलेश तिवारी, अरुण कुमार मौर्य और सनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के कार्यालय पर उनसे पूछताछ की जा रही है। अभी तीनों संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। न ही अतीक व अशरफ की हत्या का ठोस कराया बताया है। सिर्फ इतना बताया है कि ये लोगों की हत्या कराने के साथ जमीनों पर कब्जा करते थे, इसलिए मार दिया। पुलिस तीनों को रविवार को ही कोर्ट में पेश कर सकती है। इसको लेकर तैयारी की जा रही है।
अतीक अहमद को पीछे से गोली मारी गई है। करीब दस राउंड फायरिंग की गई। सिपाही भी घायल। तीन हमलावर को पकड़ा गया है। हमलावरों को थाने ले जाया गया है। सिपाही को मेडिकल कालेज ले जाया गया।
तेजस्वी यादव द्वारा ट्विटर पर लिखा है
https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1646844611409874944?t=UD1gY6H4bIPwXmEZ0sPCOg&s=19
अतीक़ अहमद के आपराधिक इतिहास
अतीक़ अहमद के आपराधिक इतिहास में 100 से भी अधिक मुक़दमे दर्ज हैं.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, साल 1979 में पहली बार हत्या का मुक़दमा दर्ज
1992 में इलाहाबाद पुलिस ने बताया कि अतीक़ के ख़िलाफ़ बिहार में भी हत्या, अपहरण, जबरन वसूली आदि के क़रीब चार दर्जन मामले दर्ज हैं.
प्रयागराज के अभियोजन अधिकारियों के मुताबिक़, अतीक़ अहमद के ख़िलाफ़ 1996 से अब तक 50 मुक़दमे विचाराधीन हैं.
अभियोजन पक्ष का कहना है कि 12 मुक़दमों में अतीक़ और उनके भाई अशरफ़ के वकीलों ने अर्ज़ियां दाख़िल की हैं जिससे केस में चार्जेज़ फ़्रेम नहीं हो पाए हैं.
अतीक़ अहमद बसपा विधायक
अतीक़ अहमद बसपा विधायक राजू पाल ही हत्या के मुख्य अभियुक्त थे. मामले की जांच अब सीबीआई के पास थी.
अतीक़ अहमद 24 फरवरी को हुई उमेश पाल की हत्या के मुख्य अभियुक्त हैं.
उमेश पाल, राजू पाल हत्याकांड के शुरुआती गवाह थे, लेकिन बाद में मामले की जांच संभाल रही सीबीआई ने उन्हें गवाह नहीं बनाया था.
सूत्रों के हवाले से अख़बार ने बताया कि हमले के दिन सैन्य काफ़िले में कुल 78 वाहन थे जो असामान्य था. इस जाँच की रिपोर्ट एनआईए को गृह मंत्रालय ने सौंपी. इसके बाद एनआईए ने हमले को लेकर 13 हज़ार 800 पन्नों की चार्जशीट दायर की, जिसमें पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद को हमले का ज़िम्मेदार बताया गया.
चार्जशीट में ये भी दावा किया गया कि हमले में 200 किलोग्राम विस्फ़ोटक और करीब 35 किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था. चार्जशीट में 19 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.
28 मार्च को प्रयागराज की एमपीएमएलए अदालत ने अतीक़ अहमद को उमेश पाल का 2006 में अपहरण करने के आरोप में दोषी पाया और उम्र कै़द की सज़ा सुनाई
इनमें अतीक़ ख़ुद, उनके बेटे असद और उनके सहयोगी अरबाज़ और ग़ुलाम मोहम्मद, विजय चौधरी उर्फ़ उस्मान और ग़ुलाम हसन शामिल हैं.
उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या उस वक्त की गई थी जब को कचहरी से लौट रहे थे. इस हमले में दो पुलिसकर्मियों की भी जान गई थी.
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार अतीक़ की पत्नी शाइस्ता परवीन, जिन पर 50 हज़ार का इनाम है वो फ़रार चल रही हैं. अतीक़ के दो बेटे उमर और अली जेल में बंद हैं. उनके दो नाबालिग़ बेटों को बाल सुरक्षा गृह में पुलिस की कड़ी निगरानी में रखा गया है.
पुलिस ने कैसे किया एनकाउंटर?
यूपी पुलिस के स्पेशल डीजी, लॉ एंड ऑर्डर, प्रशांत कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उनकी टीम ने 'एनकाउंटर' कैसे किया.
पुलिस का दावा है कि उन्होंने दोपहर साढ़े बजे मिली सूचना के बाद कदम उठाए.
उन्होंने कहा, "आज करीब साढ़े बारह से एक के बीच में सूचना के आधार पर कुछ लोगों को इन्टरसेप्ट किया गया, उस दौरान दोनों तरफ़ से गोलियां चली. उस ऑपरेशन में दोनों तरफ़ से गोलियां चलीं, हमारी एसटीएफ़ की टीम थी."
प्रशांत कुमार ने कहा, "इस मुठभेड़ में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या करने वाले दो लोग घायल हुए और बाद में इनकी मौत हो गई. इनकी पहचान असद अहमद, पुत्र अतीक अहमद और गुलाम, पुत्र मकसूदन के रूप में हुई."
उन्होंने कहा, "ये यूपी पुलिस और एसटीएफ़ के लिए ज़रूरी केस था क्योंकि एक केस में एक मुख्य गवाह जिसे यूपी पुलिस ने सुरक्षा प्रदान की थी उसकी हत्या कर दी गई थी.
अतीक और अशरफ माफिया ने पूछताछ कई खुलासे
अतीक के घर बरामद लाखों की नगदी मामले में खुलासा
वहीं, शुक्रवार को पुलिस ने एक बिल्डर को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इस दौरान माफिया अतीक के घर बरामद लाखों की नगदी मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस और एसटीएफ की जांच पड़ताल में पता चला है कि लखनऊ के बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम ने हत्याकांड से दो दिन पहले 80 लाख रुपये एनकाउंटर में मारे गए असद को दिए थे. ये रुपये उमेश पाल हत्याकांड के शूटरों के बीच डिट्रीब्यूट होना था. उन्हीं 80 लाख रुपयों में से 74 लाख 62 हजार रुपये की नगदी और दस असलहे माफिया अतीक के दफ्तर से 21 मार्च को पुलिस ने बरामद किए थे. साथ ही अतीक के मुंशी राकेश लाला और ड्राइवर कैश समेत 5 गिरफ्तारी की हुई थी.
सभी जिलों में धारा 144 लागू
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की मौत हो चुकी है। माफिया को मारने के लिए तीन हमलावर आए थे। ये तीनों ही प्रयागराज के नहीं थे। जब माफिया को पुलिस कस्टडी में काल्विन अस्पताल में रूटीन चेकअप के लिए ले जाया जा रहा था, तभी हमलावरों ने उन पर गोलियों की बरसात कर दी। हमलावरों ने अतीक और उसके भाई अशरफ पर 18 राउंड से भी ज्यादा की फायरिंग की। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
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